राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियों को गति दे दी है। आयोग ने 67 जिलों में मतपेटिकाओं की आपूर्ति के लिए ई-टेंडर जारी कर दिया है, जो एक पारदर्शी और व्यवस्थित प्रक्रिया सुनिश्चित करने का हिस्सा है। इसके साथ ही, पंचायती राज विभाग ने चक्रानुक्रम आरक्षण (रोटेशनल रिजर्वेशन) का आकलन शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया के तहत विभिन्न श्रेणियों (जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, और महिलाओं) के लिए आरक्षित सीटों का निर्धारण किया जाएगा। आगामी पंचायती चुनावों के लिए अप्रैल 2025 से मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य भी शुरू होने की संभावना जतायी जा रही थी लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने अभी तक मतदाता सूची पुनरीक्षण की आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन यह कार्य जनवरी-फरवरी 2026 में प्रस्तावित पंचायत चुनाव से पहले पूरा किया जाएगा। आमतौर पर, ऐसी प्रक्रिया चुनाव से कुछ महीने पहले शुरू होती है, इसलिए यह 2025 के मध्य या अंत तक शुरू हो सकती है।, ताकि नए मतदाताओं को शामिल किया जा सके और सूची को अद्यतन किया जा सके।

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तारीख: दिसंबर 2015
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विवरण: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दिसंबर 2015 में चार चरणों में आयोजित किए गए थे। मतदान 28 नवंबर, 1 दिसंबर, 9 दिसंबर, और 13 दिसंबर 2015 को हुआ। मतगणना 17 दिसंबर 2015 को हुई।
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तारीख: अप्रैल-मई 2021
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विवरण: उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2021 चार चरणों में आयोजित किए गए। मतदान की तारीखें थीं:
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पहला चरण: 15 अप्रैल 2021
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दूसरा चरण: 19 अप्रैल 2021
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तीसरा चरण: 26 अप्रैल 2021
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चौथा चरण: 29 अप्रैल 2021
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मतगणना: 2 मई 2021 को हुई।
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विशेष जानकारी: यह चुनाव कोविड-19 महामारी के दौरान हुआ, जिसके चलते सख्त स्वास्थ्य दिशानिर्देश लागू किए गए थे। चुनाव में 12.39 करोड़ मतदाताओं ने हिस्सा लिया, और 80,762 मतदान केंद्रों पर 2,03,050 मतदेय स्थल बनाए गए थे। समाजवादी पार्टी (एसपी) ने 760 वार्ड जीते, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 720, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने 381, और कांग्रेस ने 76 वार्ड जीते।
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तारीख: जनवरी-फरवरी या मार्च 2026 (संभावित)
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सूत्रों की माने तो अगले पंचायत चुनाव जनवरी-फरवरी 2026 में होने की संभावना है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसमें मतपेटिकाओं के लिए ई-टेंडर और मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे कदम शामिल हैं।
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चुनाव चक्र: पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के लिए उत्तर प्रदेश में हर पांच साल में चुनाव होते हैं, जैसा कि 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 के तहत निर्धारित है।
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आरक्षण विवाद: 2021 के चुनावों में आरक्षण को लेकर विवाद हुआ था, जहां 1995 के बजाय 2015 को आधार वर्ष मानने का फैसला हाई कोर्ट ने लिया था।
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चुनावी प्रक्रिया: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित किए जाते हैं, और मतदान आमतौर पर बैलट पेपर के माध्यम से होता है