कोचिंग माफिया और सरकारी भर्ती में बड़ा खेल: जब एक SDM ही बना डमी कैंडिडेट
SDM Hanumanram Arrested : राजस्थान की चर्चित सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 में एक चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब जैसलमेर के फतेहगढ़ SDM हनुमानराम की गिरफ्तारी हुई। SOG की पूछताछ में सामने आया कि हनुमानराम सिर्फ SI भर्ती में ही नहीं, बल्कि पटवारी, ग्राम सेवक और शिक्षक भर्ती जैसी कई परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बन चुका है।
हनुमानराम ने खुद स्वीकार किया कि उसने पहले कई भर्ती परीक्षाओं में दूसरों के बदले एग्जाम दिया। SOG की पूछताछ में जब उसे डमी कैंडिडेट की पुरानी तस्वीरें दिखाई गईं तो उसने पहचान कर ली कि वो तस्वीरें उसी की हैं।
आंसुओं और इमोशंस से सच छिपाने की कोशिश
एसओजी के सामने हनुमानराम ने खुद को भावुक दिखाने की कोशिश की। उसने कहा कि वह गरीबी और मजबूरी की वजह से कोचिंग माफियाओं के जाल में फंस गया। आरएएस 2021 में सिलेक्शन के बाद उसने डमी कैंडिडेट बनने का काम छोड़ दिया था, लेकिन दोस्ती में एक बार फिर गलती कर बैठा और नरपतराम के लिए 15 लाख रुपए में SI भर्ती में डमी बनने को तैयार हो गया। इसमें से उसे केवल डेढ़ लाख रुपये ही मिले।
12वीं का टॉपर, बचपन से था अफसर बनने का सपना
हनुमानराम ने SOG को बताया कि वह जवाहर नवोदय विद्यालय, जसवंतपुरा में 12वीं में आर्ट्स स्ट्रीम का टॉपर रहा है और 90.20 प्रतिशत अंक लाए थे। तभी से उसका सपना था कि वह RAS अफसर बने। आर्थिक तंगी के चलते वह कोचिंग नहीं कर पाया, लेकिन पढ़ाई जारी रखी।
साल 2015 से सूरतगढ़ के भाटिया आश्रम में रहकर उसने तैयारी शुरू की और फिर जयपुर में रहकर RAS की तैयारी करने लगा। RAS-2016 में उसका चयन सांख्यिकी विभाग में हुआ। लेकिन यहीं से कोचिंग माफियाओं से उसका रिश्ता जुड़ गया।
भर्ती परीक्षाओं में ऐसे करता था फर्जीवाड़ा
हनुमानराम की गिरफ्तारी के बाद ये सामने आया कि वह पूरी तैयारी के साथ डमी बनकर परीक्षा में बैठता था और इसके बदले मोटी रकम लेता था। उसने पटवारी, ग्राम सेवक, शिक्षक, और SI भर्ती में भी यही किया। RAS-2021 में उसे फिर ऑफर मिला लेकिन उसने खुद परीक्षा दी और 22वीं रैंक हासिल की।
फोन कर माफियाओं को देता था नसीहत
हनुमानराम ने दावा किया कि SDM बनने के बाद उसने माफियाओं को कॉल करके कहा कि अब ये सब बंद करो, सुधर जाओ। लेकिन खुद उसके अंदर का डर बढ़ता जा रहा था। SI भर्ती मामले में SOG की कार्रवाई को वो लगातार फॉलो करता था।
मोबाइल से खुलेंगे और भी राज
SOG ने हनुमानराम का मोबाइल जब्त कर लिया है और उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे कोचिंग माफियाओं और पेपर लीक गैंग से जुड़े कई और नाम सामने आएंगे।
हरखू से शुरू हुई जांच, हनुमानराम तक पहुंची
SI भर्ती में गड़बड़ी की जांच करते हुए SOG को बड़ी जानकारी उस वक्त मिली जब प्लाटून कमांडर के पद पर चयनित हरखू जाट को गिरफ्तार किया गया। हरखू ने कबूला कि उसने परीक्षा में डमी कैंडिडेट बिठाया था और इस पूरे नेटवर्क में नरपतराम, उसकी पत्नी इंद्रा और सिरोही का टीचर रामनिवास शामिल थे। फिर रामनिवास ने SDM हनुमानराम का नाम लिया। इसके बाद जैसलमेर के फतेहगढ़ से हनुमानराम को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के बाद फूट-फूट कर रोया SDM
हनुमानराम गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान बार-बार रोता रहा। उसने कहा कि उससे गलती हो गई, उसे माफ कर दिया जाए। उसने बताया कि उसके परिवार में छह बहनें हैं, वह सबसे बड़ा है और पिता खेती करते हैं। घर की जिम्मेदारियों के चलते उसने यह रास्ता चुना।
फोटोग्राफर की भूमिका भी आई सामने
पूरे मामले में फोटो एडिटिंग कर डमी कैंडिडेट की जगह बैठाने वाले फोटोग्राफर महेंद्र कुमार की भी गिरफ्तारी हुई है। वह भीनमाल में अजंता फोटो स्टूडियो चलाता है। उसने एडिटेड फोटो बनाकर हनुमानराम की जगह नरपतराम और रामनिवास के एडमिट कार्ड पर उसकी फोटो लगाई थी। इससे दोनों परीक्षाएं पास कर पाए।
अब तक 100 गिरफ्तारियां, जांच जारी
एसओजी की टीम इस फर्जीवाड़े में अब तक 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और जांच लगातार जारी है। महेंद्र कुमार से भी पूछताछ की जा रही है कि उसने और किन मामलों में फोटो एडिटिंग की थी।