रिपोर्ट्स के अनुसार, मलिक को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) और इससे संबंधित गंभीर जटिलताओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं, और उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। उन्होंने अपनी पोस्ट में एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह अस्पताल के बिस्तर पर दिखाई दे रहे हैं, जिससे उनकी गंभीर हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
नमस्कार साथियों।
मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फ़ोन आ रहे हैं जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं।अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं। 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हू। संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब… pic.twitter.com/yTWGxuHkyC— Satyapal Malik (@SatyapalMalik6) May 22, 2025
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परियोजना का महत्व: किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट भारत की सबसे महंगी पनबिजली परियोजनाओं में से एक है, जिसमें जम्मू-कश्मीर सरकार की 45% और नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC) की 51% हिस्सेदारी है। इस परियोजना की कुल लागत 4,287 करोड़ रुपये बताई जाती है, जिसमें सिविल वर्क्स के लिए 2,200 करोड़ रुपये का ठेका शामिल है।
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आरोप: सीबीआई की जांच के अनुसार, 2019 में इस प्रोजेक्ट के सिविल वर्क्स का ठेका देने में भारी अनियमितताएं पाई गईं। चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) की 47वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया था कि टेंडर प्रक्रिया को ई-टेंडरिंग और रिवर्स ऑक्शन के जरिए दोबारा कराया जाएगा। हालांकि, इस निर्णय को लागू नहीं किया गया, और ठेका सीधे पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दे दिया गया। आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी और कुछ कंपनियों को जानबूझकर फायदा पहुंचाया गया।
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आरोपियों के नाम: चार्जशीट में सत्यपाल मलिक के अलावा CVPPPL के पूर्व चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी, पूर्व अधिकारी एमएस बाबू, एमके मित्तल, अरुण कुमार मिश्रा, और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड का नाम शामिल है।
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सीबीआई की कार्रवाई: सीबीआई ने इस मामले में अप्रैल 2022 में दो FIR दर्ज की थीं। पहली FIR जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना में 60 करोड़ रुपये के ठेके से संबंधित थी, जबकि दूसरी FIR किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के 2,200 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट में भ्रष्टाचार से जुड़ी थी। 2024 में, सीबीआई ने मलिक और अन्य आरोपियों के ठिकानों पर व्यापक छापेमारी की थी, जिसमें दिल्ली, जम्मू, श्रीनगर, गुरुग्राम, मुंबई, बागपत, नोएडा, पटना, जयपुर, जोधपुर, बाड़मेर, नागपुर, और चंडीगढ़ में 30 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली गई थी।
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2018-2019: सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे। इस दौरान किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट के सिविल वर्क्स का ठेका 2019 में पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दिया गया। मलिक ने दावा किया कि उन्हें इस प्रोजेक्ट से संबंधित फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।
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17 अक्टूबर 2021: मलिक ने राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में रिश्वत के ऑफर का खुलासा किया और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
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अप्रैल 2022: सीबीआई ने किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट और जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना से संबंधित दो FIR दर्ज कीं।
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अप्रैल 2023: सीबीआई ने मलिक को मौखिक रूप से 27 और 28 अप्रैल को पूछताछ के लिए तलब किया।
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फरवरी 2024: सीबीआई ने मलिक के दिल्ली और जम्मू-कश्मीर स्थित आवासों सहित 30 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। मलिक ने इसे “उन्हें डराने की कोशिश” करार दिया।
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11 मई 2025: मलिक को यूरिनरी इन्फेक्शन के कारण राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती किया गया। उनकी दोनों किडनियां फेल हो गईं, और डायलिसिस शुरू हुआ।
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22 मई 2025: सीबीआई ने मलिक और पांच अन्य के खिलाफ किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट दाखिल की। उसी दिन, मलिक ने अपनी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के बारे में एक्स पर पोस्ट किया।
सत्यपाल मलिक (जन्म: 24 जुलाई 1946) एक भारतीय राजनेता हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर, गोवा, मेघालय, और बिहार के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। वह 1989-1991 तक जनता दल के सांसद और 1980-1989 तक उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रहे। मलिक ने 2020-21 के किसान आंदोलन का समर्थन किया और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहते है। उन्होंने पुलवामा हमले (2019) और धारा 370 हटाने जैसे मुद्दों पर भी खुल कर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कई चौकाने वाले खुलासे भी किये बयान दिए, जिसके कारण वह लगातार सुर्खियों में रहे।
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स्वास्थ्य: मलिक की स्थिति गंभीर बनी हुई है, और वह किसी से बात करने में असमर्थ हैं। उनकी किडनी डायलिसिस चल रही है।
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कानूनी स्थिति: सीबीआई की चार्जशीट के बाद, मलिक और अन्य आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में सुनवाई शुरू होगी। माना जा रहा हे कि ये उनकी आवाज़ दबाने की साजिश का हिस्सा है