Rahul Gandhi on Rampur Rape|Mentally challenged Dalit girl raped in Rampur
उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में एक 11 साल की मूक-बधिर और मानसिक रूप से कमजोर दलित बच्ची के साथ हुए बलात्कार और क्रूरता की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह दिल दहलाने वाला मामला सैफनी थाना क्षेत्र के एक गांव में सामने आया है। इस घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है, लोग डरे हुए हैं, और पीड़िता का परिवार सदमे में है। आइए, समझते हैं कि अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ है।
क्या हुआ था?
मंगलवार (15 अप्रैल 2025) की शाम को यह 11 साल की बच्ची अपने घर से अचानक गायब हो गई। बच्ची के परिवार वालों ने बताया कि वह मानसिक रूप से कमजोर है और मूक-बधिर (गूंगी-बहरी) भी है। वह अक्सर घर से गांव में कहीं चली जाती थी, लेकिन देर-सबेर वापस आ जाती थी। इस बार जब वह रात तक नहीं लौटी, तो परिजनों को चिंता होने लगी। उन्होंने गांव में धार्मिक स्थल के लाउडस्पीकर से बच्ची के गायब होने का ऐलान भी करवाया।
अगले दिन, यानी बुधवार (16 अप्रैल 2025) की सुबह, एक ग्रामीण खेत की ओर जा रहा था। उसने देखा कि बच्ची एक खेत में अर्धनग्न हालत में पड़ी हुई थी, दर्द से कराह रही थी। उसके शरीर पर कई चोटों के निशान थे, चेहरा सूजा हुआ था, और प्राइवेट पार्ट्स से खून बह रहा था। ग्रामीण ने तुरंत बच्ची के परिवार को सूचना दी। परिजन और गांव के लोग मौके पर पहुंचे और बच्ची को शाहबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए।
अस्पताल में क्या पता चला?
शाहबाद सीएचसी में डॉक्टरों ने बच्ची की हालत देखी, जो बहुत गंभीर थी। डॉ. अंजू सिंह, जिन्होंने बच्ची का मेडिकल परीक्षण किया, ने बताया कि बच्ची के शरीर पर आठ जगह चोटों के निशान थे। उसके प्राइवेट पार्ट्स पर सिगरेट से जलाने के निशान, काटने के निशान, और कई अन्य चोटें थीं। डॉक्टर ने इसे “बलात्कार का साफ मामला” बताया और कहा कि यह एक या उससे ज्यादा लोगों द्वारा किया गया हो सकता है। बच्ची की हालत इतनी नाजुक थी कि उसे बेहतर इलाज के लिए मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। बच्ची की मां ने बताया कि उसे घटना के बाद से दौरे पड़ रहे हैं और वह बहुत डरी हुई है।
पुलिस ने क्या किया?
परिजन बच्ची को लेकर सैफनी थाने पहुंचे और घटना की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। रामपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विद्यासागर मिश्र ने मामले की जांच के लिए तीन विशेष टीमें गठित कीं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस डेटा की मदद से जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज में एक युवक, जिसका नाम दान सिंह (24 साल, खरसोल गांव का रहने वाला) है, बच्ची को अपने साथ ले जाता हुआ दिखा।
बुधवार देर रात पुलिस ने दान सिंह की घेराबंदी की। पुलिस का कहना है कि दान सिंह ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस ने गोली चलाई। गोली दान सिंह के पैर में लगी, और उसे घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गुरुवार (17 अप्रैल 2025) को दान सिंह को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि दान सिंह ने पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। मामले में एससी-एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गई हैं।
पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को बुलाकर घटनास्थल से साक्ष्य इकट्ठा किए। थाना प्रभारी महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि बच्ची को बहला-फुसलाकर जंगल में ले जाया गया था, जहां यह वारदात हुई।
प्रशासन की ओर से क्या हुआ?
गुरुवार को शाहबाद के एसडीएम हिमांशु उपाध्याय, तहसीलदार राकेश चंद्रा, बीडीओ प्रमोद कुमार, और सप्लाई इंस्पेक्टर राजीव गुप्ता पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। एसडीएम ने बताया कि बच्ची के घर की हालत जर्जर है, इसलिए बीडीओ को आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए कहा गया है। राशन के लिए भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। डीएम ने भी शासन को पीड़ित परिवार की मदद के लिए पत्र लिखा है।
डीआईजी मुनिराज सिंह, एसपी विद्यासागर मिश्र, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच का जायजा लिया। पीड़िता के घर के आसपास पुलिस तैनात कर दी गई है, क्योंकि गांव में तनाव और डर का माहौल है।
Rahul Gandhi on Rampur Rape – ‘यूपी में दलित और महिलाएं पूरी तरह असुरक्षित’, रामपुर रेप कांड पर राहुल गांधी ने योगी सरकार को घेरा – Rahul Gandhi on Rampur rape said Dalits women completely unsafe in Uttar Pradesh ntc under BJP
इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह घटना “शर्मनाक और झकझोरने वाली” है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में दलित और बेटियां असुरक्षित हैं। उन्होंने अपराधी के खिलाफ कठोर कार्रवाई और पीड़िता के परिवार को जल्द न्याय की मांग की। उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस घटना की निंदा की।
कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसपी विद्यासागर मिश्र से मुलाकात की और पीड़िता के लिए उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा, 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद, और 45 दिनों में मुकदमे की सुनवाई पूरी करने की मांग की। रामपुर के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने भी इस घटना को “शर्मसार करने वाला” बताया और दोषी को कड़ी सजा और पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की मदद की मांग की।
गांव के लोग और बच्ची के परिजन सदमे में हैं। बच्ची के पिता, जो एक सीमांत किसान हैं, और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में लोग डरे हुए हैं और अपने बच्चों को शाम होते ही घर में रख रहे हैं।
आरोपी के परिवार का बयान
दान सिंह के पिता हरपाल सिंह ने कहा कि उनका बेटा दिल्ली में हलवाई का काम करता था और मंगलवार को गांव आया था। बुधवार सुबह वह शराब के नशे में घर लौटा और बेचैन था। कुछ बताने से बच रहा था और जंगल की ओर भाग गया। हरपाल सिंह ने कहा कि उनका बेटे से कोई वास्ता नहीं है और उसे जैसा किया, वैसा भुगतना होगा।
अब तक की स्थिति
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बच्ची मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
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आरोपी दान सिंह गिरफ्तार हो चुका है और जेल भेज दिया गया है।
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पुलिस मामले की जांच कर रही है और सीसीटीवी फुटेज, फॉरेंसिक साक्ष्य, और अन्य सबूतों की मदद ले रही है।
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प्रशासन ने पीड़ित परिवार को मदद का भरोसा दिया है, और गांव में पुलिस तैनात है।
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इस घटना को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर गुस्सा और बहस छिड़ी हुई है।
यह घटना न केवल रामपुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रही है। फिलहाल, पीड़िता के परिवार को न्याय और बच्ची को बेहतर इलाज की उम्मीद है।