पीवी सुनील कुमार, 1993 बैच के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, जो आंध्र प्रदेश कैडर से हैं, को आंध्र प्रदेश सरकार ने 2 मार्च, 2025 से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन के समय वे पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद पर थे और नई पोस्टिंग की प्रतीक्षा कर रहे थे। उनके निलंबन का मुख्य कारण उनकी कथित तौर पर बार-बार अनधिकृत विदेश यात्राएं हैं, जिनके बारे में सरकार का दावा है कि ये अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 का उल्लंघन करती हैं और संभवतः राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से समझौता करती हैं।
निलंबन का आदेश, जो अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 के नियम 3(1) के तहत जारी किया गया, 2019 से 2024 के बीच कई बार बिना पूर्व सरकारी अनुमति के विदेश यात्राओं का हवाला देता है। यह वह समय था जब आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की सरकार थी , जिसका नेतृत्व वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी कर रहे थे। कुछ विशिष्ट उदाहरण इस प्रकार हैं:
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मार्च 2023: सुनील कुमार को जॉर्जिया जाने की अनुमति मिली थी, लेकिन वे इसके बजाय संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) गए।
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सितंबर से नवंबर 2023: उन्होंने स्वीडन की अनधिकृत यात्रा की।
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फरवरी 2023: अमेरिका की अनधिकृत यात्रा।
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अक्टूबर 2021: यूएई की बिना अनुमति यात्रा।
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दिसंबर 2022: जॉर्जिया के लिए स्वीकृत यात्रा योजना से हटकर यूएई की यात्रा।
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दिसंबर 2019-जनवरी 2020: यूके और एक खाड़ी देश की अनधिकृत यात्रा।
पीवी सुनील कुमार इनका पूरा नाम पामुलपति वेंकट सुनील कुमार (Pamulpati Venkata Sunil Kumar) 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और आंध्र प्रदेश कैडर से ताल्लुक रखते हैं। इन्होंने वाईएसआरसीपी शासन के दौरान आंध्र प्रदेश में अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) के रूप में कार्य किया था। उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा, खासकर उच्च-स्तरीय मामलों में उनकी भागीदारी के कारण। विशेष रूप से, वे उस समय सीआईडी प्रमुख थे जब तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष और वर्तमान मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू सहित अन्य टीडीपी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों में मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा, उनके खिलाफ हिरासत में यातना के आरोप भी सामने आए, जिसमें पूर्व सांसद और वर्तमान आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रघुराम कृष्णराजू शामिल थे। ये घटनाएं जून 2024 में सत्ता में आई टीडीपी-नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा जांच का कारण बनीं।

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अधिकार का दुरुपयोग: उनके कार्यकाल के दौरान सीआईडी कार्यालय में एक करीबी सहयोगी, जिसे “तुलसी बाबा” कहा जाता है, को पहुंच की अनुमति दी गई थी, जिससे प्रोटोकॉल उल्लंघन का सवाल उठा। यह मुद्दा अब पूर्व सीएम वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोप से जुड़ा है।
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सोशल मीडिया विवाद: उन पर सोशल मीडिया पर एक विशेष धर्म को बढ़ावा देने का आरोप है, जो एक लोक सेवक से अपेक्षित तटस्थता का उल्लंघन माना जाता है।
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वित्तीय कदाचार के दावे: सांसद रघुराम कृष्ण राजू ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अवैध रूप से अर्जित धन को विदेशों, विशेष रूप से यूएई और अमेरिका में स्थानांतरित किया, जहां उनके बच्चे कथित तौर पर व्यवसाय चलाते हैं। ये दावे जांच के अधीन हैं।
एक्स पर पोस्ट्स में अलग-अलग भावनाएं दिखाई देती हैं। कुछ यूजर्स सवाल उठाते हैं कि सुनील कुमार को सीधे बर्खास्त क्यों नहीं किया गया, यह सुझाव देते हुए कि उनके कार्यों में संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा जानकारी को विदेशी संस्थाओं को लीक करना शामिल हो सकता है।