Dangers of Fake Salt: नमक हमारे भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो स्वाद के साथ-साथ शरीर के कई जरूरी कार्यों में भी मदद करता है। यह शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने, नसों और मांसपेशियों के सुचारु संचालन और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, हाल ही में उत्तर प्रदेश के आगरा में नकली नमक और वॉशिंग पाउडर बनाने वाली एक फैक्ट्री पकड़ी गई, जिससे यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है।
इस फैक्ट्री में भारी मात्रा में पैक्ड नकली नमक बरामद किया गया, जिसे आसपास के जिलों समेत राजस्थान में सप्लाई किया जा रहा था। मिलावटी नमक का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। इसमें मौजूद केमिकल्स पेट, किडनी और लिवर जैसी महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आइए विस्तार से समझते हैं
भारत में नकली और मिलावटी नमक की समस्या गंभीर चिंता का विषय बन गई है, जैसा कि हाल में आगरा में 6000 किलोग्राम नकली नमक की जब्ती से स्पष्ट होता है। नमक हमारे दैनिक आहार का एक अनिवार्य हिस्सा है जो शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने, नसों के सुचारु कार्य और मांसपेशियों की मजबूती के लिए आवश्यक है। परंतु अधिक मुनाफा कमाने के उद्देश्य से कई अनैतिक व्यापारी इसमें हानिकारक पदार्थों की मिलावट करते हैं, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बन जाता है। इस रिपोर्ट में नकली नमक के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों मतलब नकली नमक से क्या-क्या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं इसका विस्तृत विश्लेषण और घरेलू स्तर पर असली और नकली नमक की पहचान के लिए आसान तरीके कौन-कौन से हैं।
नमक में मिलावट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शुद्ध खाने के नमक में विभिन्न अशुद्ध या हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं। मिलावट का मुख्य उद्देश्य नमक का वजन बढ़ाना, उसकी बाहरी चमक में वृद्धि करना या उत्पादन लागत को कम करना होता है। इस प्रकार की मिलावट न केवल नमक की गुणवत्ता को कम करती है बल्कि इसे मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक भी बना देती है।
वजन बढ़ाने के उद्देश्य से नमक में सफेद पाउडर, चाक, कपड़ा धोने का पाउडर और सफेद मिट्टी जैसे पदार्थ मिलाए जाते हैं। ये पदार्थ नमक जैसे दिखते हैं, जिससे आम उपभोक्ता के लिए इनकी पहचान करना अत्यंत कठिन हो जाता है। कुछ निर्माता नमक को थोड़ा कड़वा बनाने के लिए मैग्नीशियम सल्फेट का भी उपयोग करते हैं, जो पाचन तंत्र के लिए हानिकारक है। इसके अतिरिक्त, कुछ बेईमान व्यापारी नमक की बनावट में परिवर्तन लाने के लिए सोडियम बाइकार्बोनेट (बेकिंग सोडा) का भी उपयोग करते हैं।
नकली नमक में कांच या पत्थर का चूर्ण भी वजन बढ़ाने के लिए मिलाया जा सकता है, जो शरीर के लिए अत्यंत खतरनाक होता है। कुछ कंपनियां आवश्यकता से अधिक आयोडीन भी मिलाती हैं, जिससे थायरॉइड की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन सभी मिलावटों का उद्देश्य अधिक मात्रा में नमक उत्पादित करना और कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना होता है, परंतु इसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं।
नकली नमक में मिलावटखोर आमतौर पर सस्ते और हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल करते हैं ताकि उत्पादन लागत कम हो और मुनाफा ज्यादा मिल सके। नकली नमक में निम्नलिखित चीजें मिलाई जा सकती हैं:
1. वॉशिंग पाउडर के कण
- वॉशिंग पाउडर के सफेद कण नमक जैसे दिखते हैं। इससे नमक चमकदार और आकर्षक दिखता है, लेकिन यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है।
2. पोटेशियम क्लोराइड (Potassium Chloride)
- यह एक सस्ता केमिकल है, जो स्वाद में नमक जैसा लगता है। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से हार्ट, लिवर और किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
3. सोडियम सल्फेट (Sodium Sulphate)
- इसका उपयोग आमतौर पर डिटर्जेंट और सफाई उत्पादों में किया जाता है। नकली नमक में इसकी मिलावट गंभीर पेट की समस्याएं पैदा कर सकती है।
4. वाइट स्टोन पाउडर (White Stone Powder)
- सफेद पत्थर को पीसकर इसका पाउडर बनाया जाता है, जो नमक जैसा दिखता है। इसमें कोई पोषक तत्व नहीं होता और यह पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
5. सिलिका (Silica)
- सिलिका का उपयोग सामान्यतः निर्माण सामग्री में किया जाता है। इसकी अधिक मात्रा शरीर में जाने पर पेट में जलन और आंतों में समस्या पैदा कर सकती है।
6. बोरिक एसिड (Boric Acid)
- यह एक केमिकल है, जिसे सफेदी बढ़ाने के लिए मिलाया जाता है। इसका सेवन करने से उल्टी, दस्त और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
7. ग्लूकोज पाउडर
- कुछ मिलावटखोर नमक में ग्लूकोज पाउडर मिलाकर उसका रंग और बनावट सुधारने का प्रयास करते हैं। इससे नमक असली जैसा दिखने लगता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
8. डिटर्जेंट पाउडर
- डिटर्जेंट पाउडर को नमक में मिलाकर उसकी चमक और सफेदी बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। यह पेट, आंतों और लिवर के लिए अत्यंत हानिकारक होता है।
मिलावटी नमक से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं
डाइटीशियन और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर अनु अग्रवाल के अनुसार, मिलावटी नमक में सस्ते केमिकल्स और हानिकारक तत्व जैसे वाइट स्टोन पाउडर, पोटेशियम क्लोराइड आदि मिलाए जाते हैं। ये तत्व नमक की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।
मिलावटी नमक के कारण हो सकने वाली स्वास्थ्य समस्याएं:
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लिवर और किडनी पर प्रभाव:
मिलावटी नमक में मौजूद पोटेशियम क्लोराइड जैसे केमिकल्स शरीर में विषैले तत्व (टॉक्सिन) बढ़ा सकते हैं। इससे लिवर और किडनी को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है, जिससे किडनी स्टोन, किडनी डैमेज या किडनी फेलियर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। -
थायरॉइड का खतरा:
मिलावटी या बिना आयोडीन वाला नमक थायरॉइड ग्रंथि के सही संचालन में बाधा डाल सकता है। आयोडीन की कमी होने पर थायरॉइड ग्रंथि को अधिक हार्मोन बनाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है, जिससे गलगंड (गॉइटर) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। -
डिहाइड्रेशन (पानी की कमी):
मिलावटी नमक में असंतुलित सोडियम या अन्य केमिकल्स के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इससे सिरदर्द, कमजोरी और पेशाब में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। -
हृदय रोग (हार्ट डिजीज):
नकली नमक में सोडियम का स्तर अनियंत्रित होता है। लंबे समय तक इसका सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। -
हड्डियों पर असर:
शरीर में अधिक सोडियम जाने पर किडनी अधिक मात्रा में कैल्शियम को यूरिन के माध्यम से बाहर निकालती है। इससे शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं। इससे गठिया (Arthritis) और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ सकता है। -
बच्चों पर प्रभाव:
बच्चों का इम्यून सिस्टम बड़ों की तुलना में कमजोर होता है। मिलावटी नमक में मौजूद केमिकल्स बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
घर पर असली और नकली नमक की पहचान कैसे करें?
नकली नमक को पहचानने के लिए कुछ आसान घरेलू तरीके अपनाए जा सकते हैं।
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पानी में घोलकर जांचें:
- एक गिलास साफ पानी लें।
- उसमें एक चम्मच नमक डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
- अगर नमक पूरी तरह घुल जाए और पानी साफ रहे, तो नमक शुद्ध है।
- अगर पानी का रंग बदल जाए या तलहटी में गंदगी जम जाए, तो नमक मिलावटी हो सकता है।
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स्वाद से पहचान:
- असली नमक का स्वाद हल्का खारा और संतुलित होता है।
- मिलावटी नमक में तीखापन अधिक महसूस होता है, क्योंकि इसमें पोटेशियम क्लोराइड जैसे केमिकल्स मिलाए जाते हैं।
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आलू टेस्ट (Potato Test):
- एक कटे हुए आलू के टुकड़े पर थोड़ा नमक डालें।
- अगर नमक असली है तो आलू का रंग समान रहेगा।
- अगर आलू का रंग काला या नीला पड़ जाए, तो नमक में मिलावट हो सकती है।
मिलावटी नमक से बचाव के उपाय
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ब्रांडेड नमक का उपयोग करें:
- बिना ब्रांड वाले लोकल नमक में मिलावट की संभावना अधिक होती है।
- हमेशा प्रतिष्ठित कंपनियों का नमक खरीदें।
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FSSAI और BIS मार्क जरूर देखें:
- नमक के पैकेट पर FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) और BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) का लोगो अवश्य देखें।
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खुले या बिना पैकिंग वाले नमक से बचें:
- खुले में बिकने वाले नमक में मिलावट की संभावना अधिक होती है।
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दुकानदार पर संदेह होने पर करें शिकायत:
- अगर आपको किसी दुकानदार पर नकली नमक बेचने का संदेह हो तो तुरंत खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचना दें।
खाने में नमक की सही मात्रा कितनी होनी चाहिए?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना लगभग 5 ग्राम (एक चम्मच) नमक का सेवन करना चाहिए। इससे ज्यादा नमक का सेवन करने पर निम्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:
- हृदय रोग
- गैस्ट्रिक कैंसर
- ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना)
- मोटापा
- किडनी की बीमारी
नकली नमक का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। इसलिए नमक खरीदते समय हमेशा सावधानी बरतें और ब्रांडेड, प्रमाणित नमक का ही इस्तेमाल करें। घर पर भी नमक की शुद्धता की जांच के लिए ऊपर बताए गए आसान तरीकों का उपयोग करें। उचित मात्रा में सही नमक का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहेगा।