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इसकी शुरुआत 1994 में हुई थी। इसे पहले डन ऐंड ब्रैडस्ट्रीट सत्यम सॉफ्टवेयर के नाम से शुरू किया गया था।
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इसका मुख्यालय टीनेक, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य अमेरिका में है, लेकिन भारत में इसकी बहुत बड़ी मौजूदगी है।
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यह एक अमेरिकी कंपनी है, जो नैस्डैक स्टॉक एक्सचेंज (NASDAQ: CTSH) पर लिस्टेड है।
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आईटी सेवाएँ: सॉफ्टवेयर बनाना, वेबसाइट और मोबाइल ऐप डिज़ाइन करना, क्लाउड कंप्यूटिंग, और डेटा मैनेजमेंट।
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डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन: पुरानी कंपनियों को नई तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, और डेटा एनालिटिक्स अपनाने में मदद करना।
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BPO (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग): ग्राहक सेवा, कॉल सेंटर, और बैक-ऑफिस के काम संभालना।
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उद्योग-विशिष्ट समाधान: बैंकिंग, हेल्थकेयर, बीमा, और रिटेल जैसे क्षेत्रों के लिए खास सेवाएँ।
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यह तकनीक के ज़रिए बिजनेस को तेज़, सस्ता, और आसान बनाती है।
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कर्मचारी और मौजूदगी:
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इसके लगभग 3 लाख कर्मचारी हैं (2025 तक का अनुमान), जिनमें से 1.5 लाख से ज़्यादा भारत में हैं।
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भारत में इसके बड़े ऑफिस चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, और कोलकाता जैसे शहरों में हैं।
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यह 40 से ज़्यादा देशों में काम करती है।
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कॉग्निजेंट के मालिक कौन हैं?
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संस्थागत निवेशक: जैसे ब्लैक रॉक (BlackRock), वैनगार्ड ग्रुप (Vanguard Group), और स्टेट स्ट्रीट कॉर्पोरेशन (State Street Corporation) जैसी बड़ी निवेश कंपनियाँ, जो इसके शेयरों का बड़ा हिस्सा रखती हैं।
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संस्थापक: कॉग्निजेंट की शुरुआत 1994 में कुमार महादेवन और फ्रांसिस्को डिसूजा ने की थी। शुरुआत में यह डन ऐंड ब्रैडस्ट्रीट (Dun & Bradstreet) की एक इकाई थी, लेकिन बाद में यह स्वतंत्र हो गई। हालांकि, अब इसके संस्थापक इसके मालिक नहीं हैं, क्योंकि यह पब्लिक कंपनी बन चुकी है।
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सीईओ: वर्तमान में (मार्च 2025 तक) इसके मौजूदा सीईओ रवि कुमार एस. हैं, जो जनवरी 2023 से कंपनी का नेतृत्व कर रहे हैं। लेकिन सीईओ मालिक नहीं होता, बल्कि कंपनी को चलाने वाला प्रबंधक होता है।
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2021 में इसका राजस्व 18.5 अरब डॉलर था, और 2024 में यह 19 अरब डॉलर से ज़्यादा होने का अनुमान है।
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वेतन वृद्धि में देरी:
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कॉग्निजेंट ने घोषणा की कि वह अपने कर्मचारियों को अगस्त 2025 से वार्षिक वेतन वृद्धि देगी, जो पहले मार्च या अप्रैल में दी जाती थी। यह दूसरा साल है जब वेतन वृद्धि में कम से कम पांच महीने की देरी हुई है।
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3 मार्च 2025 को सीईओ रवि कुमार ने कोलकाता में एक टाउनहॉल में यह बताया। उन्होंने कहा कि मार्च में बोनस मिलेगा, लेकिन वेतन वृद्धि अगस्त तक टलेगी। CEO ने कर्मचारियों की इस नाखुशी को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रदर्शन को पुरस्कृत करने के लिए प्रतिबद्ध है
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इस देरी से कुछ कर्मचारी नाखुश हैं, और यह खबर भारतीय अखबारों (जैसे मिंट, टाइम्स ऑफ इंडिया) और सोशल मीडिया में चर्चा में है।
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कंपनी की नई रणनीति:
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रवि कुमार ने बताया कि यह देरी आर्थिक स्थिरता और भविष्य के निवेश के लिए है। कॉग्निजेंट AI, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, और ऑटोमेशन में पैसा लगा रही है।
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कंपनी अपने ऑपरेटिंग मार्जिन को बढ़ाने और खर्चों को कम करने की कोशिश कर रही है, जिसके लिए वेतन वृद्धि को टाला गया।
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यह रणनीति इसे खबरों में लाई क्योंकि यह दिखाती है कि कंपनी वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से कैसे निपट रही है।
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कर्मचारी नीतियों पर बहस:
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कॉग्निजेंट पहले भी फ्रेशर्स को कम वेतन (2.52 लाख रुपये सालाना) देने के लिए आलोचना में थी, जबकि सीईओ का वेतन 57 करोड़ रुपये सालाना है। यह असमानता फिर से चर्चा में आई।
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कर्मचारी आकर्षण (attrition) रोकने के लिए बोनस मार्च में और वेतन वृद्धि अगस्त में देने की नीति भी सुर्खियों में रही।
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कंपनी छोड़ने की दर (Attrition):
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मिंट की रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल वेतन वृद्धि की जल्दी घोषणा शायद कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने की बढ़ती दर (attrition) को रोकने की कोशिश है। 2024 के अंत तक, कॉग्निजेंट की स्वैच्छिक छोड़ने की दर 15.9% हो गई, जो पिछले साल के 13.8% से ज़्यादा है। यह दर टीसीएस (13%), इंफोसिस (13.7%), और एचसीएल (13.2%) से भी ऊँची है।
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अगर कर्मचारी संतुष्ट नहीं होंगे, तो वे दूसरी कंपनियों में जा सकते हैं, जो कॉग्निजेंट के लिए प्रतिभा खोने का खतरा बढ़ाता है।
आईटी उद्योग का संदर्भ:
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वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण कई आईटी कंपनियाँ (जैसे इंफोसिस, विप्रो) वेतन वृद्धि में कटौती या देरी कर रही हैं। कॉग्निजेंट का कदम भी इसी ट्रेंड का हिस्सा है,
यह उद्योग में एक आम ट्रेंड बन गया है, जहाँ इंफोसिस और विप्रो जैसी कंपनियाँ भी वेतन वृद्धि में देरी या कटौती कर रही हैं। लेकिन बार-बार ऐसा करना इस पर सवाल उठाता है।
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भारत में प्रभाव और कोलकाता ऑफिस:
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भारत में इसके डेढ़ लाख से ज़्यादा कर्मचारी हैं, इसलिए इसकी नीतियाँ यहाँ के लिए अहम हैं। हाल ही में कोलकाता में नए ऑफिस के उद्घाटन के साथ यह घोषणा हुई, जिसने इसे और ध्यान में लाया।
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