सत्यपाल मलिक की स्वास्थ्य स्थिति और किरू हाइड्रो पावर भ्रष्टाचार केस: पूरी जानकारी

आपका भारत टाइम्स
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Highlights
  • सत्यपाल मलिक की दोनों किडनियां फेल हो गई हैं, और उनकी हालत गंभीर है। वे दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं और डायलिसिस पर हैं।
  • सीबीआई ने 22 मई 2025 को किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के मामले में मलिक और 5 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
  • यह मामला 2,200 करोड़ रुपये के ठेके से जुड़ा है, जिसमें अनियमितताओं का आरोप है। मलिक का कहना है कि उन्होंने भ्रष्टाचार उजागर किया था, लेकिन सीबीआई उन्हें इसमें शामिल मानती है।
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक( satyapal malik )की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर बनी हुई है। 22 मई 2025 को, उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि वह 11 मई 2025 से दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं। मलिक ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं। अभी मेरी हालत बहुत खराब है। मैं किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं। 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हूं। संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब स्थिति बहुत गंभीर है और पिछले तीन दिनों से किडनी डायलिसिस की जा रही है।”

रिपोर्ट्स के अनुसार, मलिक को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) और इससे संबंधित गंभीर जटिलताओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं, और उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। उन्होंने अपनी पोस्ट में एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह अस्पताल के बिस्तर पर दिखाई दे रहे हैं, जिससे उनकी गंभीर हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

किरू हाइड्रो पावर भ्रष्टाचार केस और सीबीआई की चार्जशीट
उसी दिन, 22 मई 2025 को, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सत्यपाल मलिक और पांच अन्य लोगों के खिलाफ किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (Kiru Hydroelectric Power Project) में कथित भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट दाखिल की। यह मामला जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर स्थित किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के 2,200 करोड़ रुपये के सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट में अनियमितताओं से संबंधित है।
केस का विवरण:
  • परियोजना का महत्व: किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट भारत की सबसे महंगी पनबिजली परियोजनाओं में से एक है, जिसमें जम्मू-कश्मीर सरकार की 45% और नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC) की 51% हिस्सेदारी है। इस परियोजना की कुल लागत 4,287 करोड़ रुपये बताई जाती है, जिसमें सिविल वर्क्स के लिए 2,200 करोड़ रुपये का ठेका शामिल है।

  • आरोप: सीबीआई की जांच के अनुसार, 2019 में इस प्रोजेक्ट के सिविल वर्क्स का ठेका देने में भारी अनियमितताएं पाई गईं। चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) की 47वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया था कि टेंडर प्रक्रिया को ई-टेंडरिंग और रिवर्स ऑक्शन के जरिए दोबारा कराया जाएगा। हालांकि, इस निर्णय को लागू नहीं किया गया, और ठेका सीधे पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दे दिया गया। आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी और कुछ कंपनियों को जानबूझकर फायदा पहुंचाया गया।

  • आरोपियों के नाम: चार्जशीट में सत्यपाल मलिक के अलावा CVPPPL के पूर्व चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी, पूर्व अधिकारी एमएस बाबू, एमके मित्तल, अरुण कुमार मिश्रा, और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड का नाम शामिल है।

  • सीबीआई की कार्रवाई: सीबीआई ने इस मामले में अप्रैल 2022 में दो FIR दर्ज की थीं। पहली FIR जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना में 60 करोड़ रुपये के ठेके से संबंधित थी, जबकि दूसरी FIR किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के 2,200 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट में भ्रष्टाचार से जुड़ी थी। 2024 में, सीबीआई ने मलिक और अन्य आरोपियों के ठिकानों पर व्यापक छापेमारी की थी, जिसमें दिल्ली, जम्मू, श्रीनगर, गुरुग्राम, मुंबई, बागपत, नोएडा, पटना, जयपुर, जोधपुर, बाड़मेर, नागपुर, और चंडीगढ़ में 30 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली गई थी।

सत्यपाल मलिक का पक्ष:
सत्यपाल मलिक ने इस मामले में खुद को “व्हिसलब्लोअर” बताते हुए कहा कि उन्होंने ही सबसे पहले किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था। 17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में, मलिक ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल (23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019) के दौरान, उन्हें इस प्रोजेक्ट से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। इनमें से एक फाइल एक बड़े उद्योगपति से संबंधित थी, और दूसरी तत्कालीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति से जुड़ी थी। मलिक ने कहा कि उनके सचिवों ने उन्हें सूचित किया था कि इन फाइलों में घोटाला है, जिसके बाद उन्होंने दोनों डील्स रद्द कर दी थीं।
2024 में सीबीआई की छापेमारी के बाद, मलिक ने कहा था, “मैंने भ्रष्टाचार में शामिल जिन व्यक्तियों की शिकायत की थी, उनकी जांच न करके मेरे आवास पर सीबीआई ने छापा मारा। मेरे पास 4-5 कुर्ते और पायजामे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा। तानाशाह सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर मुझे डराने की कोशिश कर रहा है। मैं एक किसान का बेटा हूं, न तो डरूंगा और न ही झुकूंगा।”
घटनाक्रम का समयरेखा (Timeline):
  • 2018-2019: सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे। इस दौरान किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट के सिविल वर्क्स का ठेका 2019 में पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दिया गया। मलिक ने दावा किया कि उन्हें इस प्रोजेक्ट से संबंधित फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

  • 17 अक्टूबर 2021: मलिक ने राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में रिश्वत के ऑफर का खुलासा किया और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।

  • अप्रैल 2022: सीबीआई ने किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट और जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना से संबंधित दो FIR दर्ज कीं।

  • अप्रैल 2023: सीबीआई ने मलिक को मौखिक रूप से 27 और 28 अप्रैल को पूछताछ के लिए तलब किया।

  • फरवरी 2024: सीबीआई ने मलिक के दिल्ली और जम्मू-कश्मीर स्थित आवासों सहित 30 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। मलिक ने इसे “उन्हें डराने की कोशिश” करार दिया।

  • 11 मई 2025: मलिक को यूरिनरी इन्फेक्शन के कारण राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती किया गया। उनकी दोनों किडनियां फेल हो गईं, और डायलिसिस शुरू हुआ।

  • 22 मई 2025: सीबीआई ने मलिक और पांच अन्य के खिलाफ किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट दाखिल की। उसी दिन, मलिक ने अपनी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के बारे में एक्स पर पोस्ट किया।

सत्यपाल मलिक का राजनीतिक और सामाजिक योगदान:

सत्यपाल मलिक (जन्म: 24 जुलाई 1946) एक भारतीय राजनेता हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर, गोवा, मेघालय, और बिहार के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। वह 1989-1991 तक जनता दल के सांसद और 1980-1989 तक उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रहे। मलिक ने 2020-21 के किसान आंदोलन का समर्थन किया और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहते है। उन्होंने पुलवामा हमले (2019) और धारा 370 हटाने जैसे मुद्दों पर भी खुल कर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कई चौकाने वाले खुलासे भी किये  बयान दिए, जिसके कारण वह लगातार सुर्खियों में रहे।

वर्तमान स्थिति:
  • स्वास्थ्य: मलिक की स्थिति गंभीर बनी हुई है, और वह किसी से बात करने में असमर्थ हैं। उनकी किडनी डायलिसिस चल रही है।
  • कानूनी स्थिति: सीबीआई की चार्जशीट के बाद, मलिक और अन्य आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में सुनवाई शुरू होगी। माना जा रहा हे कि ये उनकी आवाज़ दबाने की साजिश का हिस्सा है 

सत्यपाल मलिक की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति और किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई की चार्जशीट ने एक साथ सुर्खियां बटोरी हैं। मलिक ने खुद को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाला बताया है, जबकि सीबीआई की जांच उन्हें इस घोटाले में शामिल मान रही है। यह मामला न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मलिक केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के खिलाफ मुखर रहे हैं। उनकी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर उनके समर्थकों और शुभचिंतकों में चिंता है, और कई लोग इसे सीबीआई की कार्रवाई से जोड़कर देख रहे हैं।
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